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Ayodhya Ram Mandir: राम मंदिर के गृभगृह में विराजमान हुए रामलला

Ayodhya Ram Mandir: ये कहना गलत नहीं होगा कि सदियों बाद आखिरकार भगवान राम अपने जन्मस्थान पर विराजित हो चुके हैं और अब 22 जनवरी को उनकी प्राण प्रतिष्ठा होनी है। जानकारी के मुताबिक, रामलला को गुरुवार को गृभगृह में स्थापित करने में करीब चार घंटे का समय लगा है। सभी जरूरी पूजा और अनुष्ठान के बाद मूर्ति को रखा गया है

 

Ayodhya Ram Mandir : रामलला की मूर्ति (Ramlala Idol) भव्य राम मंदिर (Ram Mandir) के गर्भगृह के चबूतरे पर स्थापित कर दी गई है और उसके बाहर पर्दे लगाए गए हैं। रामलला की आंखों पर पट्टी भी बांध दी गई है। उत्तर प्रदेश पुलिस फिलहाल मूर्तियों की सुरक्षा कर रही है। इससे पहले रामलला की मूर्ति को कल रात क्रेन की मदद से अयोध्या में राम मंदिर परिसर में लाया गया था। मूर्ति को गुरुवार तड़के गर्भगृह के अंदर लाया गया और बाद में यहां स्थापित किया गया। क्रेन का इस्तेमाल करके भगवान की मूर्ति को अंदर लाने से पहले गर्भगृह में एक विशेष पूजा की गई थी।

ये कहना गलत नहीं होगा कि सदियों बाद आखिरकार भगवान राम अपने जन्मस्थान पर विराजित हो चुके हैं और अब 22 जनवरी को उनकी प्राण प्रतिष्ठा होनी है। जानकारी के मुताबिक, रामलला को गुरुवार को गृभगृह में स्थापित करने में करीब चार घंटे का समय लगा है। सभी जरूरी पूजा और अनुष्ठान के बाद मूर्ति को रखा गया है।

ये वही मूर्ति है, जिसे देश के जाने-माने मूर्तिकार योगीराज अरुण ने अपने हाथों से तराशा है। खास बात ये है कि इस दौरान सभी संतों के साथ खुद अरुण भी वहां मौजूद रहे। मूर्ति फिलहाल पूरी तरह से कवर है और अब सीधा 22 जनवरी को ही रामलला के दर्शन होंगे।

अयोध्या में चल रहा सात दिनों अनुष्ठान

वहीं अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा से पहले सात दिनों का विशेष अनुष्ठान भी जारी है, जिसकी शुरुआत 16 जनवरी से हो चुकी है। इसी कड़ी में बृहस्पतिवार को ‘गणेश पूजन’ और ‘वरुण पूजन’ किया गया। राम लल्ला की मूर्ति को बुधवार रात को गर्भगृह के अंदर लाया गया और तड़के ‘कलश पूजन’ किया गया।

मूर्ति स्थापित किए जाने से पहले पुजारी अरुण दीक्षित ने बताया था,”राम लल्ला की मूर्ति गर्भगृह में प्रवेश कर गई है। यह ‘विराजमान’ (स्थापित) नहीं हैं।” उन्होंने ही ये भी बताया था कि आज ‘गणेश पूजन’ और ‘वरुण पूजन’ होगा।

उन्होंने कहा कि 121 पुजारियों को उनके पूजा कार्य सौंपे जाएंगे और मंदिर परिसर में गर्भगृह के बाहर वास्तु पूजा होगी। दीक्षित ने कहा कि आज प्रतिमा को पानी में रखा जाएगा जिसे “जलाधिवास” कहा जाता है।

राम मंदिर ट्रस्ट के अधिकारियों के अनुसार, अनुष्ठान 21 जनवरी तक जारी रहेंगे। राम मंदिर ‘प्राण प्रतिष्ठा’ 22 जनवरी को दोपहर 12:20 बजे शुरू होगी और इसके दोपहर एक बजे तक खत्म होने की उम्मीद है।